शराब पीकर गाड़ी चलाने के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार इस ओर जुर्माना राशि में पांच गुना तक बढ़ोतरी का निर्णय कर सकती है. खबरों के मुताबिक, समस्या पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन मंत्रालय भारी जुर्माना वसूलने के साथ ही इस ओर सजा का सहारा लेने पर विचार कर रहा है.
इसके तहत जुर्माने की राशि को पांच गुना बढ़ाकर 10 हजार रुपये, छह महीने से एक साल तक की सजा और एक साल के लिए गाड़ी जब्त करने तक के प्रस्ताव हैं. पहली बार नियम तोड़ने वाले से 10 हजार रुपये की पेनल्टी वसूली जा सकती है और बार-बार ऐसा करने वाले के लिए सजा सख्त करते जाने का प्रस्ताव है.
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, यह प्रस्ताव सड़क परिवहन और सुरक्षा बिल में शामिल हैं, जिसे परिवहन मंत्रालय ने कानून मंत्रालय के बाद राज्य सरकारों को फीडबैक के लिए भेजा है. वर्तमान में नशे की हालत में गाड़ी चलाने पर 2000 रुपये तक जुर्माना या छह महीने तक की सजा का प्रावधान है.
एक से अधिक लाइसेंस पर जुर्माना
बिल में एक से ज्यादा लाइसेंस रखने वालों या एक से ज्यादा लाइसेंस के लिए अप्लाई करने वालों के लिए भी जुर्माने की बात कही गई है. बिल को मंजूरी मिली तो बिना इंश्योरेंस वाली गाड़ी चलाने पर भी जुर्माने का प्रावधान होगा. इसके लिए दो हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक चुकाना होगा. जुर्माने की राशि गाड़ी के हिसाब से वसूली जाएगी. हाल ही यह तथ्य सामने आया था कि भारत में 70 फीसदी गाड़ियों का इंश्योरेंश नहीं है.
इस बिल में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के साथ-साथ ऑटो कंपनियों को भी जवाबदेह बनाने की कोशिश की गई है. गलत डिजाइन या दोषपूर्ण मैन्युफैक्चरिंग और गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद गाड़ियों को रिकॉल नहीं करने पर ऑटो कंपनियों के लिए जुर्माने और सजा का प्रस्ताव है. गाड़ियों के डिजाइन में गड़बड़ी पर 5 लाख रुपये तक जुर्माना और गाड़ी को रिकॉल करने से इनकार करने पर तीन महीने तक की सजा या गाड़ी की कीमत के बराबर जुर्माने का प्रस्ताव है.
एक अधिकारी ने बताया कि रेड लाइट जंप करने, सीट बेल्ट नहीं लगाने जैसे मामलों के लिए कम जुर्माने का प्रावधान किया गया है. जबकि सड़क दुर्घटना में बच्चे की मौत जैसे मामलों में भारी जुर्माना चुकाना होगा. बिल में हर अपराध पर निगेटिव स्कोरिंग का प्रस्ताव है और एक लेवल से ज्यादा निगेटिव स्कोर होने के बाद लाइसेंस स्थगित कर दी जाएगी.
0 comments:
Post a Comment