अब मकान मालिकों को अपने घर पर कब्जे का डर नहीं होगा और न ही किराएदारों को बेवक्त घर छोड़ने का, क्योंकि केंद्र सरकार अब इन दोनों के हितों की रक्षा करने के लिए एक नया कानून बनाने जा रही है.
शहरी विकास मंत्रालय ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. इस कानून का नाम होगा मॉडल टेनेन्सी बिल, 2015. जल्द ही ये ड्राफ्ट कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
स्वतंत्र इकाई का होगा गठन
इस कानून के बाद से हर तरह के किराए संबंधी एग्रीमेंट के लिए एक स्वतंत्र इकाई बनाई जाएगी. इसके अलावा किराया संबंधी मामलों की सुनवाई के लिए एक अलग कोर्ट भी बनाने का प्रस्ताव इस कानून में है. गौरतलब है कि इस समय देश की अदालतों में किराएदार और मकान मालिकों के बीच हजारों केस लंबित पड़े हैं.
कानून को मानना राज्यों के ऊपर
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कानून के आने के बाद से मकान मालिक अपने घरों को किराए पर देने से नहीं कतराएंगे. राज्यों के लिए इस कानून को मानना मजबूरी नहीं होगी इसलिए इसे मॉडल का नाम दिया गया है.
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