Friday, July 3, 2015

Film Review: हंसी-ठहाकों से भरपूर है 'गुड्डू रंगीला'


फिल्म: गुड्डू रंगीला

डायरेक्टर: सुभाष कपूर 
स्टार कास्ट: अरशद वारसी, अमित साध, अदिति राव हैदरी, रोनित रॉय और अमित सयाल 
अवधि: 124 मिनट 
सर्टिफिकेट: U/A 
रेटिंग: 3.5 स्टार




डायरेक्टर सुभाष कपूर ने नेशनल अवार्ड विनिंग फिल्म जॉली एलएलबी के साथ साथ फंस गए रे ओबामा जैसी फिल्में भी बनाई हैं और इस बार भी एक कॉमेडी ड्रामा वाली फिल्म 'गुड्डू रंगीला' लेकर आए हैं.

कहानी
गुड्डू (अमित साध) और रंगीला (अरशद वारसी) चचेरे भाई हैं जो लोकल ऑर्केस्ट्रा चलाते हैं और इसी बिजनेस के दौरान मुखबिर का भी काम करते हैं. गुड्डू का स्वभाव काफी रंगीन है लेकिन रंगीला उस गांव के लोकल राजनेता बिल्लू (रोनित रॉय) के खिलाफ कोर्ट केस में शामिल है क्योंकि रंगीला को लगता है कि बिल्लू ने उसकी पत्नी बबली की हत्या की है. फिर गुड्डू रंगीला को कुछ बदमाश जल्दी पैसा कमाने के लिए बेबी (अदिति राव हैदरी) का अपहरण करने के लिए कहते हैं और इस चक्कर में इन दोनों की दुश्मनी बिल्लू से बढ़ जाती है क्योंकि बेबी असल में बिल्लू की साली है. इसके बाद भागदौड़ का सिलसिला शुरू हो जाता है, गुड्डू रंगीला के पीछे बिल्लू लग जाता है और कहानी बढ़ती जाती है.


स्क्रिप्ट और एक्टिंग
स्क्रिप्ट के मामले में सुभाष ने काफी ध्यान रखा है और कहानी को कट टू कट और क्रिस्प दिखाने का भरसक प्रयास किया है. इस फिल्म की खासियत बिल्लू, बेबी, बबली, गुड्डू, रंगीला जैसे किरदारों के नामों में भी है. सुभाष ने 'ऑनर किलिंग' जैसे एक अहम मुद्दे की तरफ भी सबका ध्यान उठाया है.अरशद ने अपने रंगीला किरदार के साथ पूरा न्याय किया है, वहीं अदिति राव हैदरी और अमित साध की परफॉर्मेंस भी संतोषजनक रही है. रोनित रॉय ने बाहुबली का किरदार सही निभाया है. अंततः इस फिल्म का हीरो इसकी स्क्रिप्ट है. फिल्म की कास्टिंग को भी पूरे नंबर दिए जाते हैं. फिल्म के कुछ ऐसे वन लाइनर्स हैं जिनके आने पर आप ठहाके मार-मार के हंसने लगेंगे. फिल्म का संगीत भी पहले से चर्चा में है. खास तौर से 'माता का ई मेल' और 'सुइयां सुइयां' गाने सुनने अच्छे लगते हैं. 


क्यों देखें
अगर आप सुभाष कपूर की फिल्मों और उनके विषयों से इत्तेफाक रखते हैं, अरशद वारसी, अमित साध, रोनित रॉय और अदिति राव हैदरी की एक्टिंग के कायल हैं, तो यह फिल्म जरूर देखें. साथ ही अगर सामाजिक व्यवस्था और उससे जुड़ी घटनाओं में दिलचस्पी है तो भी यह फिल्म आपके लिए बनी है.


क्यों न देखें

अगर आपको समाज के गहन मुद्दे, चुटकुले और कॉमेडी पसंद नहीं है, तो इस फिल्म को न देखें.









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