Friday, August 21, 2015

Film Review: अटल जज्बे और बेइंतहा प्यार की परिचायक है 'मांझी'


फिल्म का नाम: मांझी - द माउंटेन मैन 
डायरेक्टर: केतन मेहता 
स्टार कास्ट: नवाजुद्दीन सिद्दीकी, राधिका आप्टे, तिग्मांशु धूलिया, पंकज त्रिपाठी
अवधि: 124 मिनट
सर्टिफिकेट: U
रेटिंग: 3.5 स्टार


डायरेक्टर केतन मेहता, जो बायोपिक के स्पेशलिस्ट हैं, उन्होंने परेश रावल को लेकर 'सरदार', आमिर खान के साथ 'मंगल पाण्डे : द राइजिंग' जैसी प्रेरणाप्रद फिल्में बनाई हैं, अब वो बिहार के असल जिंदगी से ही प्रेरित कहानी लेकर आए हैं, जो दशरथ मांझी के जीवन पर आधारित है. इसके बाद केतन मेहता कंगना रनोट के साथ रानी लक्ष्मीबाई की बायोपिक भी बनाने जा रहे हैं.

कहानी
असल जिंदगी से प्रेरित, मांझी: द माउंटेन मैन' कहानी है दशरथ मांझी की जिन्होंने प्यार के लिए पूरा का पूरा पहाड़ तोड़ डाला. दशरथ मांझी (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) एक निम्न वर्ग का इंसान है जो अपनी पत्नी फगुनिया (राधिका आप्टे) के साथ गांव में काफी दूर पहाड़ के पास रहता है और हर दिन अपनी आजीविका के लिए कुछ ना कुछ करता रहता है. वह अपनी पत्नी से बेइंतेहा मोहब्बत करता है. एक दिन फगुनिया जब पानी भरकर वापस घर की तरफ आती रहती है तभी पहाड़ के ऊपर से उसका पांव फिसल जाता है और वो पहाड़ से नीचे गिर जाती है, और शहर तक जाने के लिए पूरा पहाड़ पार करके जाना पड़ता है जिसकी वजह से फगुनिया की मृत्यु हो जाती है, इस दुखद घटना के बाद दशरथ तय करता है की वो इस पहाड़ को काटकर रास्ता बनाएगा जिससे की किसी और का परिवार उस तरह की परेशानी को ना झेले जो दशरथ को झेलनी पड़ी है. सिर्फ हथौड़े और छेनी के साथ दशरथ पहाड़ को तोड़ने लगता है, और पूरे 22 साल तक दशरथ इस पहाड़ को काटता रहा, और अंततः वह एक रास्ता बना पाने में समर्थ रहा. उसके इस जज्बे को पूरे देश ने सलाम किया.

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