व्हाट्सअप, फेसबुक जैसे मोबाइल App और ऐसे अन्य दूसरे सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए खुशखबरी है. नेशनल एनक्रिप्शन पॉलिसी के तहत पहले जहां प्राइवेट चैट पर सरकारी पहरा लगाए जाने की बात कही जा रही थी, वहीं इस ओर विवाद बढ़ने के बाद पुष्टि की गई है कि प्रस्ताव में ऐसे Apps और वेबसाइट्स पर पहरे या पाबंदी की बात नहीं है.
डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (DEITY) ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि एनक्रिप्शन पॉलिसी में कई ऐसी कैटेगिरी हैं, जिन्हें इस नीति से छूट मिलेगी. जबकि इससे पहले विभाग ने कहा था कि एनक्रिप्टेड मैसेजिंग सर्विस के तहत भेजे जाने वाले सभी मैसेज को 90 दिनों तक सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा. यानी व्हाट्सअप (एंड्रॉयड वर्जन सपोर्ट्स), गूगल हैंगआउट और एप्पल आईमैसेज जैसी सर्विस का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स किसी भी सूरत में 90 दिनों से पहले अपनी चैट हिस्ट्री को डिलीट नहीं कर पाएंगे.
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, DEITY ने अपनी वेबसाइट पर नीति के लिए प्रस्तावित परिशिष्ट में लिखा है कि लोगों द्वार बड़ी संख्या में इस्तेमाल किए जाने वाले व्हाट्सअप, फेसबुक , ट्विटर जैसे वेब एप्लिकेशंस, सोशल मीडिया साइट्स और सोशल मीडिया एप्लिकेशंस (एनक्रिप्टेड प्रोडक्ट) को नेशनल एनक्रिप्शन पॉलिसी के मसौदे के दायरे से छूट मिलेगी.
इसके साथ ही इंटरनेट बैंकिंग, पेमेंट गेटवे और अन्य दूसरे ई-कॉमर्स व पासवर्ड आधारित लेन-देन को भी मसौदे के दायरे से अलग रखा जाएगा.
गौरतलब है कि देश में पिछले साल तक 7 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सएप यूजर थे. यह पॉलिसी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने तैयार की है. फिलहाल, 16 अक्टूबर तक आम लोगों से इस पर सुझाव मांगे गए हैं.
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