नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावों के दौरान कहा था कि अगर सारा ब्लैक मनी वापस आ जाए तो प्रत्येक नागरिक को 15 लाख रुपए मिलेंगे। इस बयान का बचाव करते हुए सरकार ने कहा कि यह आंकड़ा एक ‘उदाहरण के तौर’ पर कहा गया है।
देश में काले धन को रोकने के लिए केंद्र सरकार का रुख काफी सख्त हो गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को राज्यसभा में यह आश्वासन दिया कि एचएसबीसी की सूची में जिन लोगों का नाम शामिल है उनके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे। प्रशनकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में जेटली ने कहा कि स्विस बैंक में 628 खाताधारकों के नाम सामने आए हैं। इसमें से कई मामलों में लोगों की पहचान हो गई है। टैक्स चोरी के इन मामलों में कुल आमदनी 3,250 करोड़ रुपए है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि 77 आपराधिक मामलों को फाइल लिया जा चुका है।
जेटली ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समझौतों के साथ-साथ सरकार हर संभव कदम उठा रही है। गैर कानून विदेशी खाताधारकों के खिलाफ जुर्माना लगाने से लेकर मुकदमा चलाने का काम सरकार कर रही है।
जब सदस्यों ने विदेशों में जमा काले धन की वास्तविक राशि के बारे में पूछा तो वित्त मंत्री ने सवाल को टालते हुए कहा कि विभिन्न प्रकार से मूल्यांकन किया जा रहा है और इसकी जानकारी सदन को दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) मूल्यांकन प्रक्रिया पर काम कर रही है और राजस्व विभाग इस टीम के साथ जुड़ी हुई है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘एसआईटी मासिक आधार पर मूल्यकांन कर रही है और इसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट भेजी जा रही है।’
सरकार ने पूछा गया कि एसआईटी द्वारा दिए गए किन सुझावों को अपनाया जा रहा है, तो उन्होंने कहा कि काले धन के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए हैं जिसकी घोषणा इस साल के बजट की गई। यह कदम मुख्य रूप से एसआईटी के सुझाव के आधार पर उठाए गए हैं।



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