Tuesday, March 10, 2015

जानिए, कैसे महिलाओं की लिपस्टिक से पता चल जाती है किसी देश की हालत

नई दिल्ली. हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान दौरे पर गए थे। भूटान दुनिया में इकलौता देश है, जिसके विकास का पैमाना ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस इंडेक्स (जीएनएच) है। इसका मतलब हुआ देश में जितनी खुशी, उतना विकास। आज हम आपको ऐसे ही कुछ और इंडेक्स के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में शायद आपने पहले नहीं सुना होगा।

आइए जानते हैं इन सूचकांकों के बारे में-

लिपस्टिक सूचकांक
हाल ही में प्रसिद्ध हुए सूचकांकों में से एक लिपस्टिक सूचकांक है, जिसकी मदद से आर्थिक मंदी का पता लगाया जाता है। कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि आर्थिक हालात बेहतर होने पर महिलाएं ज्यादा कपड़े खरीदती हैं, जबकि इसकी तुलना में मंदी में महिलाएं लिपस्टिक ज्यादा खरीदती हैं। किसी अर्थव्यवस्था में लिपस्टिक की बिक्री से माध्यम से लंबे समय की मंदी का अनुमान लगाया जा सकता है।

मंदी में महिलाओं का लिपस्टिक पर होता है अधिक खर्च

मुश्किल हालात में महिलाएं ज्यादा आकर्षक दिखने के लिए लिपस्टिक पर अधिक पैसे खर्च करने लगती हैं। यह देखा गया है कि ऐसे वक्त में महिलाओं की दिलचस्पी कपड़े, जूते, पर्स आदि से घटकर लिपस्टिक की तरफ मुड़ जाती है। मंदी की स्थिति में जहां एक ओर हर प्रोडक्ट की सेल घटती है, वहीं दूसरी ओर लिपस्टिक की सेल बढ़ने लगती है।

1990 के दशक में बना था ये इंडेक्स

महिलाओं के इस व्यवहार को देखते हुए 1990 के दशक में एसटी लाउडर के चेयरमैन लियोनार्ड लाउडर ने एक इंडेक्स बनाया था, जो ऐसी स्थिति में इकोनॉमिक हेल्थ के इंडिकेटर की तरह काम करता है।

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